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सिक्स सिगमा इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस रुद्रपुर में इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन 

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रंजीत संपादक

रुद्रपुर क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थान सिक्स सिगमा इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस “व्यवहारिक विशेषज्ञता के भविष्य को पुनर्परिभाषित करना ए-आई के माध्यम से एक बहु आयामी दृष्टिकोण” विषय पर आयोजित किया गया । इस कांफ्रेंस का आयोजन उत्तराखण्ड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से आयोजित किया गया, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद सदस्य अजय भट्ट, ‌ गेस्ट ऑफ़ ऑनर उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी कुलपति डॉ प्रोफेसर ओंकार सिंह, रुद्रपुर के एम.एल.ए सी.ए. शिव अरोड़ा ने द्वीप प्रज्वलित कर एवं छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । इस कार्यक्रम का संचालन रजत धवन एवं नूपुर श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस कांफ्रेंस में 16 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ एवं 750 से अधिक छात्र-छात्र एवं प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। इस कांफ्रेंस में 52 संस्थानों ने प्रतिभाग किया । इस कांफ्रेंस में फार्मेसी , पॉलिटेक्निक , नर्सिंग , एग्रीकल्चर , मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं में प्रतिभाग किया। कॉन्फ्रेंस में ऑफलाइन और ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से दुनियाभर के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और शोध साझा किए।

संस्थान में निदेशिका डॉ सीमा अरोरा ने कॉन्फ्रेंस में आए हुए सभी सम्मानित अतिथियों का अभिनंदन किया एवं दैनिक जीवन में ए.आई. के उपयोग के बारे में बताया । स्पीकर डॉ शिवेंद्र के कश्यप ( हेड डिपार्मेंट आफ एग्रीकल्चर कम्युनिटी ,पंतनगर यूनिवर्सिटी) ने फ्यूचर आफ ए.आई इन कॉन्टेक्स्ट आफ इमर्जिंग साइंस के विषय में बताया। उन्होंने ए.आई का उपयोग एवं भविष्य के अवसर के बारे में बताया । उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी कुलपति डॉ प्रोफेसर ओंकार सिंह ने भी ए.आई के बारे में बताते हुए कहा कि हमे ए.आई का प्रयोग निश्चित रूप से करना ,उसे अपने ऊपर हावी न होने देना कहां, एवं टाइम मैनेजमेंट एंड उपयोग के बारे में बताया । उन्होंने बताया कि ए.आई का विकास और ट्रांसफर उच्च 31 देश में हुआ है,। सांसद सदस्य अजय भट्ट द्वारा ए.आई के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बताए गए जिसमें आई का उपयोग सही एवं गलत दोनों का उदाहरण सहित बताया गया। सी.ए . शिव अरोड़ा दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाले ए.आई. के बारे में बताया । स्पीकर डॉ शिशिर नंदी ( प्रोफेसर एंड हेड ऑफ़ ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ) ने इंटरनेट की लत और गेमिंग विकार: यादों और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का मूक हत्यारा के बारे मे विस्तार से बताया। स्पीकर डॉ पवनप्रीत (प्रसुतिशास्त्री अमृत हॉस्पिटल) ने क्रांतिकारी स्वास्थ्य सेवा- नैदानिक अभ्यास में एआई की भूमिका के बारे में बताया।

इस कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिकों एवं युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए, मौखिक प्रस्तुती प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रस्तुती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं प्रतिनिधियो को पुरुस्कृत किया, जिसमे पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता में प्रथम विजेता गगन चावला (एम फार्मा प्रथम वर्ष) , द्वितीय शिवानी, माही राणा, सपना (बी.सी.ए प्रथम वर्ष) , तृतीय तीकेंद्र, पलक, योगेश (एग्रीकल्चर प्रथम वर्ष) , एवं रुकैया (ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) एवं मौखिक प्रस्तुति प्रतियोगिता में प्रथम अरनव चक्रवर्ती (यूनिवर्सिटी ऑफ़ कल्याणी , रिसर्च स्कॉलर) , द्वितीय मोहित कुमार ( साइंस इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस जशपुर, शिक्षक ), रहे । इस कांफ्रेंस में अनेक रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

इस कांफ्रेंस में संस्थान के अध्यक्ष राजेश डावर , प्रबंध निदेशक सी.ए. शिव अरोरा, उपाध्यक्ष प्रीत ग्रोवर, ,निदेशिका डॉ. सीमा अरोरा ,एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर वंश डाबर, शौर्य अरोरा , हेड ऑफ़ इंस्टीट्यूशन ललित सिंह बिष्ट और फार्मेसी प्रधानाचार्य प्रकाश पंत , संस्थान के सभी शिक्षक-शिक्षका उपस्थित रहे | इस कार्यक्रम की आयोजन सचिव आलिया नाज रही। इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के कोऑर्डिनेटर अनुभव बठला , मुकेश कुमार, रजत धवन, दीपिका देओपा, साहिल छाबड़ा ,नूपुर श्रीवास्तव, अक्षिता बांगा, स्वाति रखोलिया , रोहित सिंह पडियार , शिवम शर्मा , सोमेंद्र सिंह , प्रियरंजन तिवारी , अकरम अली, तथा मिली रावत, प्रगति सक्सेना ,शिल्पा विश्वकर्मा नेहा सागर , चंदन , मनमीत एवं सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपना पूर्ण सहयोग दिया ।

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