रंजीत संपादक
रुद्रपुर नगर निगम चुनावों के दौरान वार्ड नंबर 10 से भाजपा प्रत्याशी मुकेश रस्तोगी की एक विवादास्पद हरकत ने व्यापक चर्चा का विषय बनकर सभी का ध्यान आकर्षित किया है। जहां भाजपा नेतृत्व पूरे देश और उत्तराखंड में “ट्रिपल इंजन” सरकार के लाभ गिनाने में व्यस्त है, वहीं उनके अपने प्रत्याशी की यह कार्रवाई उनकी नीतियों और दावों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।
मुकेश रस्तोगी ने घनी आबादी वाले वार्ड नंबर 10 में सड़क और फुटपाथ पर अवैध कब्जा करते हुए अपना चुनाव कार्यालय स्थापित कर लिया है। यह कदम न केवल स्थानीय निवासियों के लिए असुविधा का कारण बन रहा है, बल्कि पहले से ही यातायात की समस्या से जूझ रहे क्षेत्र में जाम की स्थिति को और विकराल बना रहा है।
जिस स्थान पर यह कार्यालय बनाया गया है, वह आवागमन के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण के चलते राहगीरों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, प्रत्याशी ने अपने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए नियम-कानूनों की खुलेआम अनदेखी की है। यह स्थिति स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठाती है कि जो प्रत्याशी चुनाव से पहले ही नियमों का उल्लंघन कर रहा है, वह चुने जाने के बाद जनता के हितों का कितना ध्यान रखेगा।
देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा को इस प्रकार की अनुचित गतिविधियों पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न केवल कानून के प्रति असम्मान है, बल्कि आम जनता के अधिकारों का सीधा उल्लंघन भी है। यह घटना स्थानीय प्रशासन और जिला अधिकारियों के लिए भी एक चुनौती है, जो ऐसी गतिविधियों को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।
इस घटना से जनता के बीच यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या ऐसे प्रत्याशी, जो शुरुआत में ही नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, भविष्य में जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे या उन्हें और बढ़ावा देंगे। क्षेत्र के जागरूक नागरिकों का मानना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए ऐसे कृत्यों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।
उम्मीद है कि जिला प्रशासन और चुनाव आयोग इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करते हुए जनता के विश्वास को बनाए रखने का काम करेंगे। इस प्रकार की घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाना न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि भविष्य में सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।