रंजीत संपादक
कार्यषाला में राजपाल मा0 उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड किसान आयोग, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी के साथ-साथ पन्तनगर विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, प्रभारी, कृशि विज्ञान केन्द्र, काषीपुर/ज्योलीकोट, विभागीय अधिकारियों, किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं मॉ षीतला बैंचर्स प्रा0लि0,किच्छा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रबन्ध निदेषक द्वारा प्रतिभाग किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा कार्यषाला में उपस्थित मा0 उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड किसान आयोग, विभागीय अधिकारियों, वैज्ञानिकों, किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं मक्का क्रेता कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रबन्ध निदेषक का स्वागत किया गया तथा कार्यषाला का प्रारम्भ किये जाने के हेतु कहा गया।
बैठक में उपस्थित कृशकों एवं कृशक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा ग्रीश्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का फसल लगाने पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए मॉग की गयी कि मक्का फसल की कटाई के समय नमी प्रतिषत अधिक होने पर भी मक्का फसल का विक्रय सुनिष्चित किया जाए, मक्का उत्पादन हेतु बुवाई व कटाई हेतु यंत्रों पर अनुदान उपलब्ध कराये जाए साथ ही मक्का बीज पर भी अनुदान उपलब्ध कराया जाए। जिलाधिकारी महोदय द्वारा कृशकों को अवगत कराया गया कि कृशकों द्वारा समय समय पर मक्का उत्पादन के सम्बन्ध में अवगत कराई गई समस्याए जैसे-अधिक नमी होने पर क्रय की समस्या, मक्का खरीद हेतू मूल्य निर्धारण की समस्या, बुवाई एवं कटाई से सम्बन्धित यंत्रों की उपलब्धता आदि का निदान किया जा चुका है। कृशकों द्वारा उत्पादित मक्का की बिर्क्री न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिष्चित करा दी गई है, जिस पर 14 प्रतिषत नमी तक मक्का का मूल्य भारत सरकार द्वारा घोशित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फर्म द्वारा कृशकों को भुगतान किया जाएगा। 14 प्रतिषत से अधिक नमी होने पर आनुपातिक वनज की कमी के साथ फर्म द्वारा मक्का क्रय कर ली जाएगी। कृशकों का मक्का विक्रय सुनिष्चित हो सके इस हेतु मक्का क्रय फर्म के साथ कृशि विभाग का एम0ओ0यू0 होगा तथा फर्म एवं कृशकों के मध्य भी एम0ओ0यू0 की कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी, जिससे मक्का उत्पाद की विर्क्री पुर्ण रूप से सुनिष्चित हो सकेगी। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कटाई व बुवाई के यन्त्र अनुदान पर कृशकों को प्राप्त हो सकें इस हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने हेतु मुख्य कृशि अधिकारी को निर्देष दिये गये साथ ही उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि मक्का उत्पादन के विशय पर विभिन्न स्तर पर जनपद में किये गये कार्यों से भी कृशकों को अवगत कराया जाए।
कृशकों द्वारा अवगत कराया गया कि मक्का फसल उत्पादन हेतु बीज पर अनुदान एंव कीट नाषक रसायन एवं सूक्ष्य रसायन पर भी अनुदान उपलब्ध कराया जाये। मक्का उत्पादन से सम्बन्धित बुवाई से लेकर कटाई तक के यत्र व्यक्तिगत् रूप से भी अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्य कृशि अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि गर्मी के धान के स्थान पर मक्का उत्पादन करने वाले कृशकांे को प्राथमिकता के आधार पर 50 प्रतिषत अनुदान पर कृशि रक्षा रसायन एवं सूक्ष्य पोशक तत्व उपलब्ध कराया जाएगा, मक्का बीज अनुदान हेतु प्रयास किया जाएगा। मक्का फसल से सम्बन्धित यत्रों पर 40 प्रतिषत छूट पर व्यक्तिगत् रूप से उपलब्ध हो सके इस हेतु कार्ययोजना तैयार कर प्रेशित की जाएगी। मॉ षीतला बैन्चर्स, प्रा0लि0, किच्छा जो इथनॉल उत्पादन का कार्य करती हैं के द्वारा जानकारी दी गई कि 25 प्रतिषत नमी तक मक्का क्रय किया जाएगा, जिस पर आनुपातिक रूप से वनज की कटौती की जाएगी, कृशकों के द्वारा मांग की गई कि 25 प्रतिषत की नमी को 30 प्रतिषत तक किया जाए जिसपर फर्म द्वारा सहमति दी गई।
राजपाल मा0 उपाध्यक्ष, राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड द्वारा ग्रीश्मकालीन धान से कृशि भूमि व पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी गई मा0 उपाध्यक्ष महोदय द्वारा सरकार स्तर से कृशक हित में चलाए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कृशकों को आवाहन किया गया कि गर्मी वाले धान के दुश्प्रभाव को दृश्टिगत करते हुए वेकल्पिक फसल मक्का व गन्ना का उत्पादन करना। कृशकों के हित में इस सम्बन्ध में विभाग एवं प्रषासन स्तर से कृशकों को पूर्ण सहयोग भी दिया जा रहा है। उपस्थित सभी कृशकों एवं कृशक संगठनों द्वारा बैठक में गर्मी वाले धान के स्थान पर वेकल्पिक फसल मक्का व गन्ना के उत्पादन के सम्बन्ध में प्रषासन एवं विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की सराहना की गई एंव मा0 उपाध्यक्ष, राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड के साथ संकल्प भी लिया गया कि वर्श 2024-25 से गर्मी वाले धान के स्थान पर अन्य वेकल्पिक फसल मक्का व गन्ना की फसल का उत्पादन करेंगें। कार्यषाला में लोहर सिंह राणा, कुवरपाल सिंह, बल्ली सिंह चीमा, बलन्विदर सिंह, जसवीर सिंह, ठाकुर जगदीष सिंह, गुरसेवक सिंह, अरूण कुमार षर्मा, चरणजीत सिंह, अनीलदीप महल द्वारा प्रतिभाग किया गया।